इंसान और उसके प्राकृति प्रेम को दर्शाती हमारे प्यारे छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार हरेली; जिसमें किसान अपने औजारों, पशुओं, खेत और फसल की पूजा करते है, एक तरह से यह त्योहार हम इंसानों का प्राकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक जरिया है । एक ओर जहां देश ही नहीं पूरे विश्व में विकास के नाम पर जल,जंगल, जमीन,पहाड़,सागर जैसे प्राकृतिक संसाधनों का बेतहाशा दोहन किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप बाढ़,सूखा,भूस्खलन, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के रूप में प्राकृति समय समय पर अपना प्रकोप दिखाती है। इसके साथ ही हम जलवायु परिवर्तन की समस्या से भी जूझ रहे हैं; ऐसे में हमारे छत्तीसगढ़ का ये त्यौहार हरेली देश ही नहीं पूरे विश्व को प्राकृति संरक्षण का अदभुत संदेश देती हैं। हरेली की हार्दिक शुभकामनाए।
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